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बालों को नेचरल काले घने बनायें रखें

 सामग्री : शिकाकाई, आंवला, रीठा, भृंगराज, ब्राह्मी, मैथीदाना, तिल का शुद्ध तेल सब 100-100 ग्राम और कपूर काचरी 50 ग्राम ।
 
           निर्माण विधि : 
 तेल अलग रखकर शेष सभी द्रव्यों को अलग-अलग कूट पीसकर 
चूर्ण करके मिलालें और तीन बार छानकर लोहे की कडाही में 
रखकर तिल का तेल तथा 1500 ग्राम पानी डालकर 
गर्म करके उबालें । 
जब पानी आधा रह जावे और काले रंग का हो जावे तब उतार लें । ठण्डा हो जाने पर छान लें और द्रव्यों का बुरादा फेंक दें 
व छना हुआ यह पानी बाटल में भरलें ।

          प्रयोग विधि : स्नान करने के बाद बालों को 
अच्छी तरह से पोंछकर थोडी देर बालों को हवा लगने दें 
जिससे कि बाल पूरी तरह सूख जावें 
और उनमें नमी न रहे फिर बाटल से यह मिश्रण हथेली पर लेकर 
बालों पर लगाकर अंगुलियों के पोरों से पूरे सिर के बालों की जडों में 
यह तेल पानी लगाएँ और बालों को हवा लगने दें । 
यदि आप बालों को चिकना नहीं रखना चाहते तो 
आपको यह तेल-पानी इसलिये रुचिकर लगेगा 
 कि इससे बाल पर्याप्त पोषण मिलने के बाद भी रुखे ही दिखेंगे 
और जिन्हे बालों को चिकना व चमकदार देखने की चाहत हो 
वे इस प्रयोग के बाद अपना मनपसन्द तेल 
बालों में लगा सकते हैं ।

 
          वैसे शुद्ध नारियल तेल या ब्राह्मी आंवला तेल अथवा 
भृंगराज तेल ही बालों के लिये बेहतर हैं । 
अतः इनके अलावा अन्य कोई भी तेल सिर में नहीं लगाना चाहिये । विशेष यह ध्यान रखें कि इस प्रयोग के चलते समय 
शेम्पू या मेंहदी का प्रयोग बालों पर न करें । 


वैकल्पिक उपचार- यदि उपरोक्त से हटकर भी 
आप कोई उपाय तलाशना चाहें तो
 
          1. 
कासीस भस्म 2 रत्ती व लौह भस्म 1 रत्ती 
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण और थोडे से शहद में मिलाकर 
सुबह शाम 6 महिने तक नियमित सेवन करें । 
इसके इस विधि से नियमित सेवन करने से 
असमय सफेद होने वाले बाल जड से 
काले होना प्रारम्भ हो जाते हैं ।
          2. 
मेंहदी, नीम और बेर की पत्तियां, पोदीना और अमरबेल । 
इन सबको समान मात्रा में लेकर पानी से 
धो साफ कर पानी के छिंटे मारते हुए सिल पर या मिक्सर में 
पीसकर लुगदी बनालें । लोहे की कडाही में काले तिल 
या नारियल का तेल डालकर यह लुगदी भी उसमें डाल दें 
 और इस मिश्रण को आंच पर चढाकर इतना गर्म करें कि 
 लुगदी काली पड जावे और तेल से झाग उठने लगे । 
 अब कडाही आंच से उतारकर किसी सुरक्षित स्थान पर 
 ढककर तीन दिनों तक सुरक्षित रखें व चौथे दिन 
 तेल को कपडे से छानकर कांच की बोतल में सुरक्षित भर लें । 
 यह तेल रात को सोते समय कटोरी में लेकर 
 दोनों हाथ की उंगलियां इस तेल में डुबाकर 
 बालों की जडों में लगाते हुए 15-20 मिनिट तक मालिश करें । 
 इस प्रयोग से बाल जड से काले पैदा होने लगते हैं, 
 सिर में ठण्डक बनी रहती है और गहरी नींद भी 
 इससे आती है  याने अनिद्रा रोग यदि हो तो उसका भी उपचार 
 इस विधि से होता चलता है । 

          इस तेल का प्रयोग करते समय सिर के लिये किसी भी प्रकार के तेल, साबुन या शेम्पू का प्रयोग सख्ती से बंद रखें । 
बालों को धोने के लिये मुल्तानी मिट्टी या खेत की मिट्टी 
पानी में गलाकर कपडे से छान लें और इस छने हुए पानी से 
बालों को मसलकर साफ करते हुए फिर साफ पानी से 
बालों को धोकर सुखालें । 
बाल गीले न रखकर पूरी तरह बाल सूखने पर ही 
यही तेल बालों में लगावें ।

       3. 
मेंहदी में ग्वारपाठे का गूदा या रस मिलाकर 
बालों पर 1 घण्टे लगाए रखकर नहाते रहने से भी 
असमय की बालों की सफेदी के उपचार की बात 
कुछ जानकार वैद्य करते हैं ।
          उपरोक्त विधियां उन जरुरतमंद लोगों के लिये प्रस्तुत हैं जिनके बाल युवावय में ही सफेद हो रहे हैं । 
धीरज और निरन्तरता पहली आवश्यकता भी समझें । 
सिर्फ महिने 20 दिन में किसी चमत्कार की अपेक्षा न करें ।
 
 
 
swasthya-sukh

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