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नकसीर / नाक से खून बहना

नकसीर (नाक से खून बहना)
नाक में से खून बहने के रोग को नकसीर कहा जाता है। 
कभी-कभी नकसीर होने से पहले चेहरा लाल हो जाता है 
और सिर में दर्द भी होता है। 
यह नकसीर (नाक से खून बहने) के बाद ठीक हो जाता है। 
यह रोग सर्दियों से ज्यादा गर्मी के मौसम में होता है।
नकसीर (नाक से खून बहना) रोग ज्यादा समय तक 
धूप में रहने से हो जाता है। 
बच्चों के ज्यादा खेलने के कारण या ज्यादा 
दौड़ने के कारण दिमाग में गर्मी चढ़ जाती है
 जिसकी वजह से नाक से खून बहने लगता है। 
नाक पर चोट लग जाने की वजह से नाक के अन्दर की 
श्लैष्मिक कला (झिल्ली) फट जाती है और 
नाक से खून बहता रहता है। 
कुछ लोग ज्यादा गर्म चीजों का सेवन करते है 
जिसकी वजह से नाक से खून निकल सकता है। 
कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्त चाप) हो जाता है 
जिसकी वजह से भी नाक से खून आ जाता है। 
 कई बार लडकियों में मासिक धर्म बंद होने पर भी 
नाक से खून जाता है।
नकसीर के रोग मे अचानक पहले सिर में दर्द होता है 
और चक्कर आने लगते है 
इसके बाद नाक से खून आने लगता है। 
कभी तो नाक के एक छेद से खून बहता है और कभी 
नाक के दूसरे छेद से
 फिर दोनो तरफ से बहने लगता है। 
कभी तो खून आवाज की नली में पहुंच जाता है
 जिसकी वजह से खांसी उठने लगती है।
 रोगी को बैचेनी सी महसूस होती है।
परहेज:
नकसीर (नाक से खून बहने) के रोग में रोगी को 
ज्यादा समय तक धूप मे नहीं घूमना चाहिए 
और आग के पास भी नहीं बैठना चाहिए।
भोजन में ठंडे चीजों को ज्यादा खाना चाहिए 
और ठण्डी जगह में रहना चाहिए।
भोजन में गर्म पदार्थ और तेज मिर्च-मसाले नहीं खाने चाहिए।
इस रोग में गर्मी को दूर करने वाले सारे उपाय करने चाहिए।

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