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आंखों की बीमारी से बचने के उपाय





आंखों की बीमारी बारिश की नमी के कारण फैलती है। 

 इससे आंखे लाल हो जाती हैं।  

आंखों से पानी निकलता है

आंखों में चुभन महसूस होती है।











1. आई फ्लू होने पर चश्मे का प्रयोग करें



2. किसी व्यक्ति से हाथ मिलाते वक्त सावधानी बरतें



               


3. आंखों को हाथ से नहीं रगड़ना चाहिए।



4. यदि बच्चों के आंख में हो गया हो तो 

 उसे स्कूल नहीं भेजना चाहिए।



5. आंखों को तीनचार बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए।



6. तीनचार दिन रोगी को आराम करना चाहिए।



7. किसी दूसरे को तौलिया, रुमाल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।






गर्भावस्था के दौरान होने वाली आंखों की  

परेशानियों से सावधान रहें। 

कोई जरूरी नहीं कि हर गर्भवती महिला  

की आंखों में परेशानी हो। 

पर जिसकी आंख में पहले से कमजोरी हो  

वह और कमजोर हो जाती है। 

 उन्हें टेस्ट करवाते रहना चाहिए।  

 गर्भावस्था के दौरान किसी तरह से आंखों का  

कोई आपरेशन नहीं करवाना चाहिए।



हमारी आंखे स्वस्थ रहे इसके लिये  

रंगीन फल एवं सब्जियां बहुत जरूरी है  

 आंखो के लिये विटामिन्स जरूरी है  

विटामिन्स जो जरूरी है -



विटामिन बढती उम्र की वजह से  

होने वाली परेशानियों को भी दूर करती है

जो लोग धूम्रपान करते है

किसी तरह का नशा करते है 

 उन्हे विटामिन के सेवन पर अधिक जोर देना चाहिये



विटामिन के स्त्रोतगाजर , पपीता , शकरकंद काँडलिवर ऑयल। 


विटामिन सी डायबिटीस से होने वाले रोग -

 धूम्रपान से नशा से होने वाले नुकसान से व्यक्ति को बचाता है



विटामिन सी के स्त्रोतआंवला, ब्रोकली, खट्टे फल।



विटामिन अधिक उम्र से होने वाले वाले नुकसान से 

 बचा जा सकता है जैसे कैटरैक्स। 

 विटामिन के इस्तेमाल से मोतियाबिंद से बचाव होता है। 

उन लोगो में मोतियाबिंद का खतरा कम रहता है 

 जो आहार में भरपूर मात्रा में विटामिन लेते हैं 

विटामिन जैसे ऐंटीऑक्सिडेंट्स आंखों के लेंस को  

फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते है।

फलों ,सब्जियों,खासकर पत्तेदार हरी सब्जियों के अधिक सेवन  

करने से सुरक्षित रहती है। वो लोग इस बीमारी से अधिक  

बचे रहते हैं जो खानपान या सप्लमेंट के जरिये 

 विटामिन हासिल करते हैं सभी प्रकार के खाने वाले  

तेलों में गिरीदार फलों तथा बीजों में विटामिन पाया जाता है।

अगर खानपान को समय रहते ही सुधार लिया जा 

तो तमाम परेशानियों से बच सकते हैं।



विटामिन के स्त्रोतड्राईफ्रूट, आम, सनफ्लावर सीड आयल।



इन विटामिन को किसी किसी स्त्रोत से लेते रहने के  

बावजूद भी कुछ बातों पर  ध्यान देना है जैसे


1 अपनी आंखो का चेकप कराते रहें



2 आंखो मे कोई दवा बिना डा परामर्श के डालें



3 अपने भोजन मे वि .सी भर पूर मात्रा मे लें



4 लेटकर टी.वी. देखे,अंधेरे मे टी.वी. देखे



सब्जियो को अधिक देर तक,तथा अधिक मसाले मे  

पकायें इससे पौष्टिकता नष्ट होती है।



आंखों की देखभाल- भोजन में रेशेदार फल खायें

 चिंता, तनाव, अनिद्रा से बचें।



आंखों की रोशनी ठीक रखने के लिए  

विटामिन का महत्वपूर्ण योगदान है।  

गाजर, पपीता, आम, अजवाइन, दूध, मक्खन का प्रयोग करें।



आंखों की चारों ओर की सफाई रोगन बादाम या क्रीम से करें। 

 हल्के हाथ से मालिश करें। 

 रात को सोने से पूर्व करें और सोने से पूर्व क्रीम पोछ दें।



आंखों का मेकअप, काजल, साबुन पानी से चेहरा धोकर  

तौलिया से रगड़ कर छुड़ाने का प्रयास ना करें।  

इससे त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।  

आंखों के आस पास की त्वचा की सफाई सदैव चिकनी क्रीम से करें।

  क्रीम को पोछने के लिए गीली रुईं लें।



खीरे के रस में भिगाकर रुई फ्रिज में रखें।  

दोपहर को सोते समय आंखों पर रखें। 

 गुलाब जल में रुई भिगो कर आंख पर रखें।



आंखों को स्वस्थ रखने, चश्में से दूर रहने के लिए 

 नित्य मुंह में पानी भर कर दिन में दो बार 25-50 बार  

आंखों पर पानी का छींटा मारें।



आंखों में जलन हो या धूप से आयें हो  

तो बर्फ का पानी कीपट्टियां रखें।



आंखों के चारों ओर कालें घेरे होने पर काजल का इस्तेमाल ना करें।



 ओस पड़ी घास पर नंगे पांव चलें।



कम रोशनी में या लेटकर पढ़ने से आखें कमजोर नहीं होती हैं

बल्कि सर दर्द या आंखो से पानी आने की शिकायत हो सकती है 

 ये स्वभाविक है ,कारण पोजीशन का बदलाव

आंखो में पानी आने का कारण जो आंसू होते हैं  

वो अश्रु मार्ग से बहने के बजाय आखों से रिसने लगते हैं  

तो आंखों से पानी आने का एहसास होता है





ज्यादा देर तक पढ़ने से या चलती गाडी में पढने से  

या अधिक टी वी देखने से आखें कमजोर नहीं होती  

बल्कि थक जरूर जाती हैं सर दर्द भी होता है

परंतु आंखे कमजोर नहीं होती हैं।

हमें समय समय पर अपनी आंखे चेक करवाते रहना चाहिये।

सौजन्य :- ब्रांड बिहार 
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