Welcome to

अंगूर एक अमृत समान फल

 अंगूर
जिसे अंग्रेजी में ग्रेप्स 
शुद्ध हिंदी और संस्कृत में द्राक्ष 
और आम भाषा में अंगूर नके नाम से जाना जाने वाला यह फल बहुत ही गुणकारी होता है,
अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है।
 इसे खाने के लिए न आपको छिलका निकालने का झंझट न बिज निकालने की परेशानी.
वैसे अंगूर दो तरह के होते हैं.
हल्के हरे रंग के और काले रंग के
 अंगूर को एक खस  प्रक्रिया के तहत सुखाकर किशमिश का रूप भी दिया जाता है.
 यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। 
 पका हुआ अंगूर तासीर में ठंडा और मीठा होता है। 
यह स्वर को शुद्ध बनाता है तथा आँखों के लिए हितकर होता है। 
अंगूर में ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. 
कई बीमारियों में राहत के लिए अंगूर का सेवन करना फायदेमंद होता है. 
टीबी, कैंसर और ब्लड-इंफेक्शन जैसी बीमारियों में मुख्य रूप से फायदेमंद होता है.
अंगूर वीर्यवर्घक, रक्त साफ करने वाला, रक्त बढाने वाला तथा तरावट देने वाला फल है। 
अंगूर में जल, शर्करा, सोडियम, पोटेशियम, साइट्रिक एसिड, 
फलोराइड, पोटेशियम सल्फेट, मैगनेशियम 
और लौह तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। 
मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी अंगूर बेहद फायदेमंद है.
अंगूर ह्रदय (दिल) की दुर्बलता को दूर करने के लिए बहुत गुणकारी है। 
ह्रदय रोगी को नियमित अंगूर खाने चाहिएं। 
ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने का काम करता है.
अंगूर के सेवन से फेफडों मे जमा कफ निकल जाता है, 
इससे खाँसी में भी आराम आता है। 
अंगूर जी मिचलाना, घबराहट, चक्कर आने वाली बीमारियों में भी लाभदायक है। 
श्वास रोग व वायु रोगों में भी अंगूर का प्रयोग हितकर है। 
एक शोध के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में अंगूर का सेवन करना 
बहुत फायदेमंद होता है. 
नकसीर एवं पेशाब में होने वाली रूकावट में भी हितकर है। 
अंगूर का शरबत ""अमृत तुल्य"" है। 
शरीर के किसी भी भाग से रक्त स्राव होने पर अंगूर के एक गिलास ज्यूस में 
दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है । 
अंगूर का गूदा " ग्लूकोज व शर्करा युक्त " होता है। 
विटामिन "ए" पर्याप्त मात्रा में होने से अंगूर का सेवन " भूख " बढाता है, 
पाचन शक्ति ठीक रखता है, आँखों, बालों एवं त्वचा को चमकदार बनाता है। 
हार्ट-अटैक से बचने के लिए बैंगनी (काले) अंगूर का रस "एसप्रिन" की गोली के समान कारगर है।
 "एसप्रिन" खून के थक्के नहीं बनने देती है। 
बैंगनी (काले) अंगूर के रस में " फलोवोनाइडस " नामक तत्व होता है 
और यह भी यही कार्य करता है। 
पोटेशियम की कमी से बाल बहुत टूटते हैं। 
दाँत हिलने लगते हैं, त्वचा ढीली व निस्तेज हो जाती है, 
जोडों में दर्द व जकडन होने लगती है। इन सभी रोगों को अंगूर दूर रखता है।
 अंगूर फोडे-फुन्सियों एवं मुहासों को सुखाने में सहायता करता है। 
अंगूर के रस के गरारे करने से मुँह के घावों एवं छालों में राहत मिलती है।
अगर आपको भूख नहीं लगती है और इस वजह से ही आपका वजन नहीं बढ़ पा रहा है 
तो आप अंगूर के रस का सेवन कर सकते हैं. 
इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर होती है साथ ही भूख भी लगने लग जाती है.
 एनीमिया (खून की कमी)  में अंगूर एक बढ़िया दवाइ का काम करता है। 
खून की कमी को दूर करने के लिए भी 
एक गिलास अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से 
खून की कमी दूर हो जाती है. यह हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है. 
उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोडा नमक व काली मिर्च डालकर सेवन करें। 
पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगों दे 
तथा सुबह मसल कर निचोडें तथा इस रस में थोडी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए। 
गठिया रोग में अंगूर का सेवन करना चाहिए। 
इसका सेवन बहुत लाभप्रद है क्योंकि यह शरीर में से उन तत्वों को बाहर निकालता है 
जिसके कारण गठिया होता है। 
अंगूर के सेवन से हडि्डयाँ मजबूत होती हैं। 
अंगूर के पत्तों का रस पानी में उबालकर काले नमक मिलाकर पीने से 
गुर्दो के दर्द में भी बहुत लाभ होता है। 
भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है 
और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 
अंगूर के रस की दो-तीन बूंद नाक में डालने से नकसीर बंद हो जाती है।
----------------------------------------------------
----------------------------------------------------

0 टिप्पणियाँ:

Post a Comment

कृपया इस पोस्ट के लिए अपनी अमूल्य टिप्पणी जरुर दें.

Translate This Page

मेरी एक अन्य लोकप्रिय वेबसाइट \/