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1. सदा
सुहागन (जिसे "बारमासी" भी कहते है)
जिसके फूल दो प्रकार के होते हैं-
1. सफेद रंग के, व 2. बैंगनी रंग
के.
सुबह के वक्त बैंगनी रंग के चार-पांच फूल एक खाली कप में रखें
व एक
खाली कप साथ में और रखें ।
फिर उबलता हुआ गर्म पानी दोनों कप में डालकर
पीने योग्य होने तक रखा रहने दें ।
जब यह पानी पीने योग्य कुनकुना गर्म रह
जावे तो
फूल उस कप में निचोडकर फेंक दें
व पहले फूल वाले कप का और फिर सादा
पानी पी लें ।
सात दिन यह प्रयोग चालू और फिर सात दिन बन्द रखें ।
इस
प्रकार दो महिने तक इस प्रयोग को कर लेने के बाद
ब्लड शुगर की जांच करवा
लें ।
इस उपचार का कुछ भुक्तभोगियों का यह अनुभव भी रहा है कि
शुगर का
नामोनिशान भी बाद में देखने को नहीं मिला ।
2.
रात को दो चम्मच मेथीदाना एक लोटा
पानी में डालकर रखदें ।
सुबह शौच जाने
के पूर्व इसका पानी छानकर पी लें
और मेथीदाने अंकुरित होने के लिये रख दें ।
यह अंकुरित मेथीदाने अगली सुबह खाने में काम में लेते रहें ।
इसके साथ ही
बिना छिली लौकी को हल्का सा उबालकर मिक्सर में
इसका आधा गिलास रस निकालकर
एक चुटकी पिसी काली मिर्च,
एक चुटकी सौंठ व तुलसी और पोदीना की
5-5 पत्ती
आधा गिलास पानी में
मिलाकर भोजन के आधा घंटे बाद प्रतिदिन एक बार लेते रहें
।
3. भिंडी को खडी चार हिस्सों में चीरकर एक
गिलास पानी में रात को गलादें व
सुबह इसे उसी पानी में
मसलकर व छानकर पी लें । पूर्णतः परीक्षित है ।
4. हल्दी 10 ग्राम, मेथीदाने 20 ग्राम और भुने चने 50 ग्राम पीसकर
यह पावडर 4-5 दिन में सुबह खाली पेट लेकर खत्म कर लें ।
5. जामुन के 10 पत्ते, नीम की 20 पत्तियां,
बेल के 30 पत्ते
और तुलसी की
40 पत्तियां सबको मिलाकर सुखा लें
और पीसकर एक शीशी में भर लें ।
एक चम्मच
चूर्ण सुबह खाली पेट लें व उससे भी पहले
शुगर की जांच करवा लें,
दस दिन तक
यह प्रयोग करने के बाद फिर से शुगर की जांच करवा लें
और यदि शुगर ना्र्मल
दिखे तो यह प्रयोग बन्द करदें ।
6. छोटे आकार के मिट्टी के कुल्हड में
10 ग्राम गुडमार के पत्ते डाल कर
पानी
भर दें । इसे रात भर खुली जगह ओस में रखें ।
सुबह इसे छानकर इसमें 2 छोटे
बताशे घोलकर खाली पेट
यह पानी पी लें ।
3-4 महिने लगातार इसके सेवन से
मधुमेह रोग नष्ट हो जाता है ।
यहाँ शुगर / डायबिटिज
के उपचार के लिये
ये अलग-अलग प्रमाणित जानकारियां प्रस्तुत की गई हैं ।
आप
इनमें से जो भी उपचार आपके लिये उपलब्ध हो सके
उस मुताबिक इनका प्रयोग कर
लाभ ले सकते हैं ।
इसके अलावा इस जटिल रोग से स्वयं को मुक्त रखने के लिये
अनिवार्य रुप से
स्वयं को अनावश्यक चिंताओं से बचाए रखने के साथ ही
नियमपूर्वक
प्रतिदिन कम से कम 3 किलोमीटर पैदल चलने की दिनचर्या अवश्य
बनावें ।
इसके साथ ही अपने भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां,
कद्दू, साबुत
अंकुरित अनाज व मूंगफली, बादाम, काजू व अखरोट जैसे
सूखे मेवों का यथासम्भव
अधिकाधिक प्रयोग करें ।
swasthya-sukh
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